रहस्यमाई चश्मा भाग - 62
वह सिंद्धान्त के पास गया और बोला सिंद्धान्त बॉबू रात को जो भी हमने आपसे जाने क्या क्या उटपटांग बक दिया उसके लिए हम बहुत शर्मिंदा है हमे माफ कर दे शराब के नशे में हमे होश ही नही रहा की हम क्या क्या बोल रहे है सिंद्धान्त बोला जब मन मस्तिष्क पर इंसान का नियंत्रण समाप्त हो जाता है तभी वह सही बोलता क्योकि समझ साजिस से परे हो जाता है हो सकता है आपाने शराब के नशे में जो कुछ कहा था वह सही हो नत्थू बोला सिंद्धान्त बॉबू हमे तो याद ही नही हमने क्या बोला क्या आपको याद है सिंद्धान्त बोला हमने ध्यान ही नही दिया कि आप क्या बोल रहे है,,,,
क्योकि मुझे एहसास हो चुका था कि आप शराब के नशे में धुत है नत्थू को लगा कि सिंद्धान्त उसका अपना खून बेटा है अतः वह बाप के दुर्गुण को खूबसूरत तरीके से छीपा रहा है उंसे सिंद्धान्त पर शक करने का कोई कारण नही दिखा वह लौट गया और अपनी भावी योजनाओं पर काम करने लगा।सिंद्धान्त से मजदूरों की मांगों से सम्बंधित वार्ता हेतु मर्मत एव नत्थू के इशारे पर अंगार ज्वाला सुलखान तीखा को साथ लेकर आया वार्ता शुरू हुई वार्ता के लिए मजदूरों के हितार्थ एव उनकी मांगों के परिपेक्ष्य में जो अनुमति मंगलम चौधरीं ने सिंद्धान्त को दे रखी थी,,,,,
उनमें मिलो में आधुनिक मशीनों का लगना पगार में बढ़ोतरी की सीमा एव मजदूरों के परिवार के भविष्य कि कुछ योजनाएं जैसे बच्चों की शिक्षा स्वास्थ सेवानिवृत्ति लाभ पेंशन आदि आदि मंगलम चौधरीं लंदन से उच्च शिक्षा ग्रहण किया था और सिंद्धान्त ने भी दोनों ही आजाद भारत मे बडलते व्यवसायिक परिवेश एव बामपंथी वर्ग का नेतृत्व मजदूरों का उनको भलीभांति पता था अतः उन्होंने न्यूनतम मुनाफे एव अधितम कल्याणकारी व्यवसाय कि सोच पर आगे बढ़ने के लिए संकल्पित थे जितनी भी सुविधाओं कि कल्पना सम्भव थी उन्होंने पहले ही प्रस्तुत कर दी,,,,,
मजदूरों के पास कोई बहुत विकल्प नही बचा तब मर्मत ने कहा सिंद्धान्त बॉबू अगली वार्ता में हम निश्चित करेंगे कि हमे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाना चाहिए या नही क्योकि आपने जो दरिया दिली दिखाई है और मंगलम चौधरीं साहब जीतनी भी सम्भावना बन सकती थी सब दे दिया मैं मजदूरों से बात करने के उपरांत ही बता सकने में समर्थ हो पांउंगा सिंद्धान्त ने कहा कोई बात नही आप मजदूरों से वार्ता कर लीजिए और जो निष्कर्ष निकले आप आवगत कराए मर्मत भागा भागा अपने आका नत्थू के पास गया और बताया कि मिल मॉलिक की तरफ से जो रियायतें मजदूरों को दी गयी है,,,,,,
वह तो मजदूरों कि मांग एव कल्पनाओं से कही बहुत अधिक है नत्थू बोला मर्मत मजदूरों का भला होगा तभी भारत मजबूत होगा और कुटिल खिलखिलाहट के साथ बोला कि एक महत्वपूर्ण मांग रह गयी है मजदूरों कि मिलो में हिस्सेदारी मर्मत ने कहा ठिक है उस्ताद जब भी वार्ता के लिए जानउँगा इस विषय पर वार्ता करूंगा नत्थू बोला यही मुद्दा अब ऐसा है जिससे मजदूर हमारे साथ खड़े रह सकते है नही तो मिल मॉलिक ने तो तुरुप के सारे पत्ते ही साफ कर दिए है।सिंद्धान्त हमेशा कि तरह नकुल शाहू विक्रांत सिंह लेखराज तिवारी और मंशा राम को बुलाकर मर्मत से हुई वार्ता के विषय मे जानकारी दी चारो ने सिंद्धान्त से पूछा क्या उनसे मिलने इमिरीतिया जग्गू रघु चिंता महादेव आये थे,,,,,
सिंद्धान्त को आश्चर्य हुआ कि आखिर इनको कैसे मालूम की जग्गू कर्दब महादेव चिंता रघु पास आये थे विक्रांत सिंह ने सिंद्धान्त को बताया कि साहब तूफानी और भद्र को हम लोगो ने ही रघु कर्दब महादेव जग्गू चिंता इमिरीतिया कि सुरक्षा में पीछे पीछे लगा रखा था और आप तक जिंदा पहुचाया ताकि आप मजदूरो में छीपे भेड़िए जो ना मजदूरों के हितैषी है ना ही मिल मालिकों के वे सिर्फ अपने जिद्द अहंकार एव बदले के लिए मजदूरों का इस्तेमाल कर रहे है और मजदूरों के हितैषी बन बैठे है वास्तव में मजदूर तो भोला भाला होता है उंसे जहां अपन्स हित सुरक्षित नजर आता है,,,,,
वही एकत्र हो जाता है लेकिन अक्ससर धोखा खा जाता है मंगलम चौधरीं जैसे देवता आदमी से बेवजह प्रतिशोध कि उपज है उनके मिलो में मजदूरों कि बगावत जो किसी खतनाक अंजाम कि साजिस ही है आप सतर्क रहिएगा मर्मत अब कोई नई खुराफात लेकर आएगा जिसे मानना असम्भव होगा और एक ऐसा ज्वालामुखी फटेगा जिससे तबाही ही तबाही होगी क्योकी मिल मालिकों के द्वारा इतनी रियायतो के बाद भी मिल मजदूरों को मिल में हिस्सेदारी के लिए जागरूक किया जा रहा है मिल मजदूरों को खुद नही मालूम कि क्या होगा इसका अंजाम सिंद्धान्त बोला आप लोग अपनी जिम्मेदारी को मुस्तेदी से निर्वहन किजिए जो भी होगा अच्छा ही होगा ।
एक सप्ताह बाद मर्मत फिर आया सिंद्धान्त से वार्ता के लिए सिंद्धान्त ने मर्मत का बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया उंसे तो अच्छी तरह मालूम था नत्थू कि योजना नत्थू ने उसे स्वंय बताया था उंसे मालूम था कि मिल मजदूरों के हित के लिए मालिको से वार्ता का परिणान क्या होने वाला है अतः वह कठपुतली कि तरह नत्थू के इशारे पर नाचता जा रहा था मर्मत ने सबसे पहले सिंद्धान्त को मजदूरों के सोच कल्पना से अधिक रियायत देने के लिए धन्यवाद दिया और मिल मजदूरों कि तरफ़ से मिलो में हिस्सेदारी दिए जाने कि मांग रखी,,,,,
जिसकी कल्पना सिंद्धान्त ने कि ही नही थी सिंद्धान्त बहुत देर तक चुप रहा फिर मर्मत को समझाते हुए बोला मर्मत जी मजदूरों की मांगो से बहुत अधिक उनको दिया जा चुका है अब मिल में हिस्सेदारी कि बात कहा से उठ गई मर्मत बोला यह मजदूरों की आवाज है हम क्या करे सिंद्धान्त ने बहुत समझाया लेकिन मर्मत पर कोई असर नही हुआ वह मजदूरों को मिल में हिस्सेदारी दिए जाने के लिए अड़ गया सिंद्धान्त ने हर तरह से उंसे समझाने कि कोशिश किया लेकिन उसके साथ बैठे ज्वाला अंगार तीखा सुलखान मर्मत के लिए मौत का साया बनकर पिछली और वर्तमान वार्ता में सम्मिलित थे अंत मे मर्मत ने कहा कि मिल में मजदूरों को चाहिए हिस्सेदारी नही तो अनिश्चित कालीन हड़ताल सिंद्धान्त ने भी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा मिलो में हड़ताल से पहले ही मिल बंदी की मालिको द्वारा घोषणा कर दी जाएगी तब जाकर हज़ारों मजदूरों के लिए रोजी रोटी खोजियेगा मर्मत तीखा अंगार ज्वाला तीखा ने सिंद्धान्त को धमकाते हुए, कहा अब वार्त्ता खत्म अब रण होगा सिंद्धान्त समझ गया क्या होने वाला है,,,,
जारी है
Babita patel
05-Sep-2023 12:28 PM
Nice
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KALPANA SINHA
05-Sep-2023 12:12 PM
Awesome
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Varsha_Upadhyay
04-Sep-2023 09:33 PM
V nice
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